Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
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जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के Shiv chaisa लंक विभीषण दीन्हा॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
बृहस्पतिदेव की कथा
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया Shiv chaisa जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥